दीपावली (Diwali) मनाने का कारण: धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व

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दीपावली (Diwali), जिसे ‘दीपों का त्योहार’ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दीपावली भारत के अलावा दुनियाभर में फैले भारतीय समुदायों द्वारा धूमधाम से मनाई जाती है। लेकिन आखिर इस महोत्सव को मनाने का कारण क्या है? आइए जानते हैं इस त्योहार के पीछे की विभिन्न कहानियों और सांस्कृतिक मान्यताओं के बारे में

भगवान राम की अयोध्या वापसी

दीपावली का सबसे प्रमुख और प्राचीन कारण भगवान राम की अयोध्या वापसी से जुड़ा हुआ है। रामायण के अनुसार, जब भगवान राम ने 14 साल के वनवास को समाप्त कर राक्षस रावण का वध किया और अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया। यह विजय अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है, और तभी से दीप जलाकर दीपावली मनाई जाती है​।

समुद्र मंथन और लक्ष्मी पूजन

दीपावली (Diwali) का संबंध माता लक्ष्मी के प्रकट होने से भी है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी प्रकट हुईं, और इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि घर में धन, समृद्धि और खुशहाली बनी रहे​।

नरकासुर वध और भगवान कृष्ण

दीपावली (Diwali) से एक दिन पहले ‘नरक चतुर्दशी’ मनाई जाती है, जिसे नरकासुर वध के रूप में जाना जाता है। भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध कर पृथ्वी को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया था। इस घटना के कारण भी दीपावली का त्योहार मनाया जाता है, क्योंकि यह भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है​।

विक्रम संवत: नववर्ष की शुरुआत

दीपावली (Diwali) केवल धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी मानी जाती है। विशेष रूप से व्यापारी वर्ग इस दिन अपने पुराने खाता-बही को बंद कर नए खातों की शुरुआत करते हैं। इसे ‘विक्रम संवत’ के नाम से जाना जाता है। व्यापारियों के लिए यह दिन समृद्धि और आर्थिक उन्नति की कामना के साथ मनाया जाता है​।

जैन धर्म और महावीर स्वामी

जैन धर्म में दीपावली का महत्व भगवान महावीर स्वामी से जुड़ा हुआ है। इसी दिन भगवान महावीर ने मोक्ष प्राप्त किया था। इसलिए जैन धर्म के अनुयायी इस दिन को मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं​।

सिख धर्म में दीपावली का महत्व

सिख धर्म में भी दीपावली का विशेष महत्व है। इस दिन को गुरु हरगोविंद सिंह जी की मुक्ति से जोड़ा जाता है, जब उन्होंने मुगलों की कैद से 52 राजाओं को छुड़ाया था। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में इस दिन विशेष रूप से दीप जलाए जाते हैं और भव्य आयोजन होता है​।

सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराएँ

दीपावली के दौरान घरों की साफ-सफाई, रंगोली बनाना, और दीप जलाना प्रमुख परंपराएँ हैं। लोग इस दिन अपने घरों को दीपों, मोमबत्तियों और रंगीन लाइट्स से सजाते हैं। इसके अलावा, पटाखे फोड़ना और मिठाइयों का आदान-प्रदान भी इस त्योहार की एक महत्वपूर्ण परंपरा है। यह दिन लोगों को आपसी मेल-मिलाप और खुशियाँ बाँटने का अवसर भी प्रदान करता है​।

FAQs: दीपावली (Diwali) मनाने का कारण क्या है?

  1. दीपावली का धार्मिक महत्व क्या है?
    दीपावली का मुख्य धार्मिक महत्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक होना है। यह भगवान राम की अयोध्या वापसी, माता लक्ष्मी की पूजा, और नरकासुर वध जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक घटनाओं से जुड़ा है।
  2. दीपावली के पीछे कौन-कौन सी कहानियां प्रचलित हैं?
    • भगवान राम की अयोध्या वापसी
    • नरकासुर वध
    • समुद्र मंथन और लक्ष्मी अवतरण
    • जैन धर्म में महावीर स्वामी का मोक्ष प्राप्त करना
    • सिख धर्म में गुरु हरगोविंद सिंह जी की मुक्ति​।
  3. जैन और सिख धर्म में दीपावली क्यों मनाई जाती है?
    जैन धर्म में दीपावली भगवान महावीर के मोक्ष प्राप्ति के उपलक्ष्य में मनाई जाती है, जबकि सिख धर्म में यह गुरु हरगोविंद सिंह जी की मुक्ति से जुड़ा हुआ है।

External Links

  1. समुद्र मंथन की कथासमुद्र मंथन और लक्ष्मी का प्रकट होना
  2. जैन धर्म में दीपावलीमहावीर स्वामी और दीपावली का संबंध
  3. सिख धर्म में दीपावलीदीपावली और सिख धर्म का इतिहास

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