Mahashivratri kyu manayi jati | महाशिवरात्री क्यू मनायि जाति

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) क्यों मनाई जाती है?

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान शिव की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस पर्व का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का अर्थ है “शिव की महान रात्रि” और इसे फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि (Mahashivratri) क्यों मनाई जाती है:

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का धार्मिक महत्व

  • भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह: महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन को उनके विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। भक्त इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।
  • सृष्टि की रचना: एक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था, जो सृष्टि की रचना, संरक्षण और संहार का प्रतीक है। इस नृत्य के माध्यम से भगवान शिव ने सृष्टि के चक्र को चलाया।
  • आध्यात्मिक जागरण: महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, और पूरी रात जागकर भगवान शिव की आराधना करते हैं। यह पर्व भक्तों को आत्मशुद्धि और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के रीति-रिवाज

  • व्रत और उपवास: महाशिवरात्रि के दिन भक्त उपवास रखते हैं। कुछ लोग निर्जला व्रत रखते हैं, जबकि कुछ फलाहार करते हैं। व्रत रखने से शरीर और मन की शुद्धि होती है।
  • शिवलिंग का अभिषेक: शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी, और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। इसके साथ ही बेल पत्र, धतूरा, और आंकड़े के फूल चढ़ाए जाते हैं।
  • पूजा और आरती: दिन में चार बार पूजा की जाती है – सुबह, दोपहर, शाम और रात को। हर पूजा के बाद भगवान शिव की आरती की जाती है।
  • रात्रि जागरण: महाशिवरात्रि की रात को जागरण करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। भक्त पूरी रात जागकर भगवान शिव की पूजा और भजन-कीर्तन करते हैं।
  • शिव पुराण का पाठ: महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का आध्यात्मिक महत्व

महाशिवरात्रि का पर्व भक्तों को आत्मशुद्धि, अनुशासन और भक्ति का महत्व सिखाता है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा और जागरण से भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह पर्व हमें भगवान शिव की महिमा और उनके प्रति हमारी भक्ति को और भी मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह पर्व हमें आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक जागरण का महत्व सिखाता है।

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