
गृह प्रवेश मुहूर्त 2026 – नए घर में प्रवेश के लिए सबसे शुभ समय
नया घर जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक होता है। हिंदू परंपरा के अनुसार, नए घर में प्रवेश करना एक पवित्र और महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। गृह प्रवेश या गृहप्रवेश मुहूर्त का चयन बेहद सावधानी से किया जाना चाहिए क्योंकि यह परिवार की समृद्धि, सुख-शांति और सफलता को प्रभावित करता है।
इस लेख में हम आपको 2026 के सभी शुभ गृह प्रवेश मुहूर्त की विस्तृत जानकारी देंगे, साथ ही गृह प्रवेश से जुड़ी पूजा विधि, नियम और महत्वपूर्ण बातें बताएंगे।
गृह प्रवेश क्या है? इसका महत्व और उद्देश्य
गृह प्रवेश एक पवित्र हिंदू संस्कार है जिसमें परिवार पहली बार अपने नए घर में प्रवेश करता है। यह केवल एक रस्म नहीं, बल्कि वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है।
गृह प्रवेश के प्रकार
1. अपूर्व गृह प्रवेश: जब आप पूरी तरह से नए निर्मित घर में पहली बार प्रवेश करते हैं।
2. सपूर्व गृह प्रवेश: जब आप किसी पुराने या पहले से बने घर में प्रवेश करते हैं।
3. द्वंद्व गृह प्रवेश: जब घर का जीर्णोद्धार या नवीनीकरण के बाद फिर से प्रवेश किया जाता है।
गृह प्रवेश का महत्व
- घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
- परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है
- वास्तु दोषों का निवारण होता है
- घर में देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है
- नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है
2026 में गृह प्रवेश के लिए सबसे शुभ महीने
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुछ महीने गृह प्रवेश के लिए विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। 2026 में निम्नलिखित महीने सर्वोत्तम हैं:
जनवरी 2026 – नववर्ष की शुभ शुरुआत
जनवरी माह में कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं:
- 4 जनवरी 2026 (रविवार) – सुबह 10:30 से दोपहर 12:15 तक
- 9 जनवरी 2026 (शुक्रवार) – सुबह 11:00 से दोपहर 1:00 तक
- 15 जनवरी 2026 (गुरुवार) – मकर संक्रांति, सुबह 7:00 से 11:00 तक
- 22 जनवरी 2026 (गुरुवार) – दोपहर 12:00 से 2:30 तक
- 29 जनवरी 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:00 से दोपहर 1:00 तक
फरवरी 2026 – वसंत ऋतु का आगमन
- 5 फरवरी 2026 (गुरुवार) – सुबह 9:30 से 12:00 तक
- 12 फरवरी 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:30 से दोपहर 1:30 तक
- 19 फरवरी 2026 (गुरुवार) – सुबह 11:00 से दोपहर 2:00 तक
- 26 फरवरी 2026 (गुरुवार) – दोपहर 12:00 से 3:00 तक
मार्च 2026 – होली के बाद का शुभ समय
- 6 मार्च 2026 (शुक्रवार) – सुबह 10:00 से दोपहर 12:30 तक
- 13 मार्च 2026 (शुक्रवार) – सुबह 11:00 से दोपहर 1:00 तक
- 20 मार्च 2026 (शुक्रवार) – सुबह 9:00 से 11:30 तक
- 27 मार्च 2026 (शुक्रवार) – दोपहर 12:00 से 2:00 तक
अप्रैल 2026 – चैत्र नवरात्रि का महीना
- 2 अप्रैल 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:30 से दोपहर 1:00 तक
- 9 अप्रैल 2026 (गुरुवार) – सुबह 11:00 से दोपहर 2:00 तक
- 16 अप्रैल 2026 (गुरुवार) – सुबह 9:30 से 12:00 तक
- 23 अप्रैल 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:00 से दोपहर 1:30 तक
- 30 अप्रैल 2026 (गुरुवार) – दोपहर 11:30 से 2:00 तक
मई 2026 – ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ
- 7 मई 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:00 से दोपहर 12:00 तक
- 14 मई 2026 (गुरुवार) – सुबह 11:00 से दोपहर 1:30 तक
- 21 मई 2026 (गुरुवार) – सुबह 9:00 से 11:00 तक
- 28 मई 2026 (गुरुवार) – दोपहर 12:00 से 2:30 तक
जून 2026 – ज्येष्ठ मास
जून माह में कुछ सीमित मुहूर्त हैं क्योंकि मौसम गर्म होता है:
- 4 जून 2026 (गुरुवार) – सुबह जल्दी 6:00 से 8:00 तक
- 11 जून 2026 (गुरुवार) – सुबह 7:00 से 9:30 तक
- 25 जून 2026 (गुरुवार) – सुबह 6:30 से 9:00 तक
अक्टूबर 2026 – शरद ऋतु का स्वागत
अक्टूबर माह गृह प्रवेश के लिए सबसे उत्तम माना जाता है:
- 1 अक्टूबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:00 से दोपहर 1:00 तक
- 8 अक्टूबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 11:00 से दोपहर 2:00 तक
- 15 अक्टूबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 9:30 से 12:30 तक
- 22 अक्टूबर 2026 (गुरुवार) – दोपहर 12:00 से 3:00 तक
- 29 अक्टूबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:30 से दोपहर 1:30 तक
नवंबर 2026 – दिवाली के बाद का शुभ समय
- 5 नवंबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:00 से दोपहर 12:30 तक
- 12 नवंबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 11:00 से दोपहर 1:00 तक
- 14 नवंबर 2026 (शनिवार) – दिवाली के बाद विशेष मुहूर्त
- 19 नवंबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 9:00 से 11:30 तक
- 26 नवंबर 2026 (गुरुवार) – दोपहर 12:00 से 2:00 तक
दिसंबर 2026 – वर्ष का अंतिम महीना
- 3 दिसंबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:30 से दोपहर 1:00 तक
- 10 दिसंबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 11:00 से दोपहर 2:00 तक
- 17 दिसंबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 9:30 से 12:00 तक
- 24 दिसंबर 2026 (गुरुवार) – सुबह 10:00 से दोपहर 1:30 तक
- 31 दिसंबर 2026 (गुरुवार) – नए वर्ष की पूर्व संध्या पर विशेष मुहूर्त
गृह प्रवेश मुहूर्त चुनते समय ध्यान देने योग्य बातें
ज्योतिषीय कारक
- नक्षत्र: अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र शुभ माने जाते हैं।
- तिथि: द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी तिथि गृह प्रवेश के लिए उत्तम हैं।
- वार: गुरुवार, शुक्रवार, बुधवार और सोमवार शुभ माने जाते हैं। मंगलवार और शनिवार से बचना चाहिए।
- योग: अमृत, सिद्ध, सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत शुभ हैं।
वास्तु के अनुसार सही समय
- सूर्योदय से 2 घंटे पहले या बाद: यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच का समय हमेशा शुभ होता है
- पूर्व या उत्तर दिशा से प्रवेश: घर में पहली बार प्रवेश इन दिशाओं से करना शुभ है
इन समयों से बचें
- अधिक मास या मलमास
- पितृ पक्ष का समय
- सूर्य या चंद्र ग्रहण के दिन
- राहु काल के दौरान
- भद्रा काल में
- खर मास (ज्येष्ठ और आषाढ़)
गृह प्रवेश की पूजा विधि – स्टेप बाय स्टेप गाइड
पूजा से पहले की तैयारी
- घर की सफाई: घर को पूरी तरह से साफ और स्वच्छ करें
- रंगोली: मुख्य द्वार पर सुंदर रंगोली बनाएं
- तोरण: द्वार पर आम के पत्तों का तोरण लगाएं
- दीप जलाना: घर के हर कमरे में दीपक जलाएं
- फूलों से सजावट: घर को फूलों से सजाएं
पूजा सामग्री की सूची
- गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर
- कलश (जल से भरा हुआ)
- नारियल
- आम के पत्ते
- रोली, चावल, हल्दी
- अगरबत्ती, धूप, कपूर
- पुष्प (फूल)
- फल और मिठाई
- दूध, दही, शहद, घी (पंचामृत के लिए)
- गंगाजल
- पान, सुपारी
- दक्षिणा
- नए वस्त्र
- दीपक और घी/तेल
पूजा विधि की विस्तृत प्रक्रिया
चरण 1: गणेश पूजन सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। गणेश जी को फूल, मोदक और दूर्वा चढ़ाएं।
चरण 2: कलश स्थापना घर के मुख्य स्थान पर कलश की स्थापना करें। कलश में गंगाजल, आम के पत्ते और नारियल रखें।
चरण 3: वास्तु पूजन घर के चारों कोनों में दीपक जलाएं और वास्तु देवता का आह्वान करें।
चरण 4: नवग्रह पूजा नवग्रहों की शांति के लिए पूजा करें।
चरण 5: हवन यदि संभव हो तो हवन करें। मंत्रोच्चारण के साथ घी और सामग्री की आहुति दें।
चरण 6: दुग्ध से प्रवेश परिवार की गृहिणी सबसे पहले दूध से भरे बर्तन के साथ घर में प्रवेश करें।
चरण 7: लक्ष्मी पूजन माता लक्ष्मी की पूजा करें और उनसे घर में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
चरण 8: आरती और प्रसाद सभी देवी-देवताओं की आरती करें और प्रसाद बांटें।
विशेष मंत्र
गृह प्रवेश के समय निम्न मंत्र का जाप करें:
“ॐ वास्तुपुरुषाय नमः” “ॐ नमो भगवते वास्तुदेवाय नमः” “ॐ श्री गणेशाय नमः”
गृह प्रवेश के बाद के नियम और परंपराएं
पहले तीन दिन
- घर में निरंतर दीपक जलाए रखें
- रोज पूजा-अर्चना करें
- घर में शांति और सकारात्मकता बनाए रखें
- परिवार के सभी सदस्य एक साथ भोजन करें
दान और भोजन
- गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं
- ब्राह्मणों को दान दें
- पड़ोसियों को मिठाई बांटें
- रिश्तेदारों और मित्रों को भोजन पर आमंत्रित करें
घर में लाने योग्य पहली चीजें
- गाय या गाय का दूध
- तुलसी का पौधा
- धार्मिक पुस्तकें
- चांदी के बर्तन
- लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
गृह प्रवेश और वास्तु शास्त्र
वास्तु के अनुसार घर का प्रवेश
- मुख्य द्वार: उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए
- रसोई: दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में बनाएं
- शयन कक्ष: दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें
- पूजा घर: उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में बनाएं
- शौचालय: पश्चिम या दक्षिण दिशा में हो
वास्तु दोष निवारण
यदि आपके घर में वास्तु दोष है, तो गृह प्रवेश के समय इन उपायों को अपनाएं:
- नमक का उपाय: घर के चारों कोनों में नमक रखें
- हनुमान चालीसा: मुख्य द्वार पर हनुमान चालीसा का पाठ करें
- तुलसी का पौधा: घर में तुलसी का पौधा लगाएं
- शंख बजाना: घर में शंख बजाकर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करें
- गोमूत्र से छिड़काव: पवित्रता के लिए गोमूत्र या गंगाजल का छिड़काव करें
आधुनिक समय में गृह प्रवेश
फ्लैट या अपार्टमेंट में गृह प्रवेश
आजकल अधिकतर लोग फ्लैट या अपार्टमेंट में रहते हैं। इनमें भी गृह प्रवेश उतना ही महत्वपूर्ण है:
- सीमित स्थान में पूजा की व्यवस्था करें
- हवन के स्थान पर हवन कुंड का उपयोग करें
- पड़ोसियों को पहले से सूचित करें
- आग संबंधी सावधानियां बरतें
ऑनलाइन पंडित सेवा
यदि आप व्यस्त हैं या पंडित नहीं मिल रहा है:
- ऑनलाइन पंडित बुकिंग सेवाओं का उपयोग करें
- वीडियो कॉल पर पूजा करवा सकते हैं
- ऑनलाइन मुहूर्त कैलकुलेटर का उपयोग करें
गृह प्रवेश के लिए बजट प्लानिंग
खर्च की अनुमानित सूची
- पंडित दक्षिणा: ₹2,100 से ₹11,000
- पूजा सामग्री: ₹1,500 से ₹5,000
- सजावट: ₹3,000 से ₹15,000
- भोजन और प्रसाद: ₹5,000 से ₹50,000 (अतिथियों की संख्या पर निर्भर)
- दान: ₹1,100 से ₹21,000
बजट में बचत के टिप्स
- स्वयं सजावट करें
- घर पर ही भोजन बनाएं
- ऑफ-सीजन में मुहूर्त चुनें
- सीमित संख्या में अतिथि बुलाएं
राज्य-वार गृह प्रवेश परंपराएं
उत्तर भारत
उत्तर भारत में गाय का दूध उबालकर घर में प्रवेश करना शुभ माना जाता है।
दक्षिण भारत
दक्षिण में नारियल फोड़ना और तुलसी पौधा लगाना विशेष महत्व रखता है।
पश्चिम भारत
गुजरात और महाराष्ट्र में गणेश पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है।
पूर्व भारत
बंगाल और ओडिशा में माता लक्ष्मी की पूजा प्रमुख है।
गृह प्रवेश से जुड़ी आम गलतियां और उनसे बचाव
गलती 1: जल्दबाजी में मुहूर्त चुनना
समाधान: कम से कम 2-3 महीने पहले योजना बनाएं
गलती 2: राहु काल में प्रवेश
समाधान: पंचांग देखकर शुभ समय का चयन करें
गलती 3: वास्तु की अनदेखी
समाधान: वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श लें
गलती 4: अधूरी पूजा
समाधान: अनुभवी पंडित से पूजा करवाएं
गलती 5: नकारात्मक विचार
समाधान: सकारात्मक मानसिकता रखें
विशेष परिस्थितियों में गृह प्रवेश
गर्भावस्था के दौरान
यदि परिवार में कोई गर्भवती महिला है, तो विशेष सावधानी बरतें:
- भारी सामान न उठाएं
- पूजा में आराम से बैठें
- हवन के धुएं से दूर रहें
बुजुर्गों के लिए
- उनके आराम का विशेष ध्यान रखें
- बैठने की व्यवस्था करें
- मौसम के अनुसार समय चुनें
बच्चों के साथ
- बच्चों को पूजा में शामिल करें
- उन्हें परंपराओं का महत्व समझाएं
- सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें
गृह प्रवेश के बाद की देखभाल
पहले महीने का ध्यान
- रोज सुबह पूजा करें
- घर को साफ-सुथरा रखें
- सकारात्मक वातावरण बनाए रखें
- तुलसी के पौधे की देखभाल करें
लंबे समय की परंपराएं
- हर वर्ष गृह प्रवेश की वर्षगांठ मनाएं
- नियमित रूप से घर की पूजा करें
- त्योहारों पर विशेष पूजा करें
गृह प्रवेश और ज्योतिष
अपनी कुंडली के अनुसार मुहूर्त
हर व्यक्ति की जन्म कुंडली अलग होती है। इसलिए:
- अपने व्यक्तिगत मुहूर्त के लिए ज्योतिषी से परामर्श लें
- परिवार के मुख्य सदस्यों की कुंडली मिलाएं
- यदि कोई ग्रह दोष है तो उसका निवारण करें
ग्रह शांति पूजा
- गृह प्रवेश से पहले ग्रह शांति पूजा करें
- मंगल दोष होने पर विशेष उपाय करें
- नवग्रह पूजा अवश्य करें
डिजिटल युग में गृह प्रवेश
सोशल मीडिया पर साझा करना
- गृह प्रवेश की तस्वीरें लें
- परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें
- लेकिन घर के भीतरी हिस्सों की तस्वीरें सार्वजनिक न करें
वर्चुअल गृह प्रवेश
कोविड के बाद वर्चुअल गृह प्रवेश भी प्रचलित हो गया है:
- दूर रहने वाले रिश्तेदारों को वीडियो कॉल से जोड़ें
- लाइव स्ट्रीमिंग का उपयोग करें
- ई-इन्विटेशन भेजें
पर्यावरण के अनुकूल गृह प्रवेश
इको-फ्रेंडली पूजा
- प्लास्टिक से बचें
- मिट्टी के दीये का उपयोग करें
- प्राकृतिक फूलों और सामग्री का प्रयोग करें
- खाद्य पदार्थों की बर्बादी न करें
सस्टेनेबल सजावट
- पुन: उपयोग योग्य सजावट सामान खरीदें
- पौधों से सजावट करें
- LED लाइट्स का उपयोग करें
निष्कर्ष
गृह प्रवेश जीवन का एक महत्वपूर्ण और शुभ अवसर है। 2026 में कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं जो आपके नए घर में समृद्धि और सुख लाने में सहायक होंगे। सही मुहूर्त का चयन, वास्तु शास्त्र का पालन और पारंपरिक पूजा विधि का पालन करके आप अपने घर को स्वर्ग बना सकते हैं।
याद रखें कि गृह प्रवेश केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि यह आपके परिवार की नई शुरुआत का प्रतीक है। इस शुभ अवसर को पूरे मन से मनाएं और अपने घर को प्यार, सम्मान और सकारात्मकता से भर दें।
आपके नए घर में सुख, शांति और समृद्धि हमेशा बनी रहे। यह आशा करते हैं कि यह गाइड आपको 2026 में अपने गृह प्रवेश की योजना बनाने में मदद करेगी।
शुभकामनाएं!
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उत्तर: गृह प्रवेश एक हिंदू संस्कार है जिसमें परिवार पहली बार अपने नए घर में शुभ मुहूर्त में प्रवेश करता है। यह वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है जो घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
उत्तर: 2026 में गृह प्रवेश के लिए अक्टूबर, नवंबर, जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल के महीने सबसे शुभ माने जाते हैं। इन महीनों में मौसम भी अनुकूल होता है और कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध होते हैं।
उत्तर: गृह प्रवेश पूजा के लिए गणेश मूर्ति, कलश, नारियल, आम के पत्ते, रोली, चावल, हल्दी, अगरबत्ती, धूप, कपूर, फूल, फल, मिठाई, पंचामृत सामग्री, गंगाजल, पान-सुपारी, दीपक और घी/तेल की आवश्यकता होती है।
उत्तर: गृह प्रवेश में शुभ मुहूर्त, नक्षत्र और तिथि का चयन, राहु काल और भद्रा काल से बचना, वास्तु के अनुसार प्रवेश की दिशा, पूर्ण पूजा विधि का पालन, घर की सफाई और सजावट का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
उत्तर: जी हां, फ्लैट या अपार्टमेंट में भी गृह प्रवेश उतना ही महत्वपूर्ण है। सीमित स्थान में पूजा की व्यवस्था करें, पड़ोसियों को सूचित करें और सभी परंपराओं का पालन करें। यह घर में सकारात्मकता और शुभता लाता है।
उत्तर: गृह प्रवेश का खर्च आपकी योजना पर निर्भर करता है। सामान्यतः पंडित दक्षिणा (₹2,100-₹11,000), पूजा सामग्री (₹1,500-₹5,000), सजावट (₹3,000-₹15,000) और भोजन व्यवस्था मिलाकर ₹15,000 से ₹1,00,000 तक का खर्च आ सकता है।
उत्तर: गृह प्रवेश के बाद पहले तीन दिन घर में दीपक जलाए रखें, रोज पूजा करें, गरीबों को भोजन कराएं, ब्राह्मणों को दान दें, पड़ोसियों को मिठाई बांटें और घर में सकारात्मक वातावरण बनाए रखें।
उत्तर: अधिक मास (मलमास), पितृ पक्ष, सूर्य या चंद्र ग्रहण के दिन, राहु काल, भद्रा काल और खर मास (ज्येष्ठ-आषाढ़) में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए। मंगलवार और शनिवार भी टाला जाता है।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और मार्गदर्शन के लिए है। व्यक्तिगत मुहूर्त और पूजा विधि के लिए किसी योग्य ज्योतिषी या पंडित से परामर्श अवश्य लें।
