दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025: लक्ष्मी पूजा का सबसे शुभ समय और पूजा विधि की संपूर्ण जानकारी

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दिवाली 2025 में कब है? जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह प्रकाश का पर्व है जो अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में विशेष महत्व रखता है क्योंकि सही समय पर की गई पूजा से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

साल 2025 में दिवाली 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। यह कार्तिक मास की अमावस्या के दिन आती है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

दिवाली पूजा का महत्व और धार्मिक मान्यता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे, तभी से यह परंपरा चली आ रही है। एक अन्य मान्यता के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का प्रकट होना हुआ था। इसलिए दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है।

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 – सटीक समय और अवधि

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 का सही समय जानना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह आपकी पूजा की सफलता को निर्धारित करता है। हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रदोष काल और निशिता काल दोनों ही लक्ष्मी पूजा के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

लक्ष्मी पूजा का प्रधान मुहूर्त

तारीख: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार

प्रदोष काल लक्ष्मी पूजा मुहूर्त:

  • समय: शाम 6:15 बजे से रात 8:05 बजे तक
  • अवधि: 1 घंटा 50 मिनट
  • यह सबसे शुभ और मुख्य पूजा का समय है

महानिशिता काल पूजा मुहूर्त:

  • समय: रात 11:40 बजे से अगली रात 12:28 बजे तक (20-21 अक्टूबर)
  • अवधि: 48 मिनट
  • यह तांत्रिक पूजा और विशेष साधना के लिए उपयुक्त है

अमावस्या तिथि का विवरण

  • अमावस्या प्रारंभ: 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:18 बजे
  • अमावस्या समाप्त: 21 अक्टूबर 2025, दोपहर 2:04 बजे

महत्वपूर्ण नोट: ये समय भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार हैं और आपके शहर के अनुसार थोड़े भिन्न हो सकते हैं। अपने स्थानीय पंचांग से भी पुष्टि अवश्य करें।

सही मुहूर्त में पूजा क्यों जरूरी है?

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में पूजा करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  1. मां लक्ष्मी की विशेष कृपा: शुभ मुहूर्त में की गई पूजा से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है
  2. ग्रह दोष का निवारण: सही समय पर पूजा करने से ग्रह दोषों का शमन होता है
  3. व्यापार में वृद्धि: व्यापारियों के लिए यह समय नए बही खाते शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ है
  4. सकारात्मक ऊर्जा: शुभ मुहूर्त में वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अधिक होता है
  5. मनोकामना पूर्ति: सच्चे मन से की गई पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं

दिवाली पूजा की संपूर्ण विधि – स्टेप बाय स्टेप गाइड

पूजा की तैयारी (दिन में करें)

सफाई और सजावट:

  1. घर की अच्छी तरह से सफाई करें, विशेषकर पूजा स्थल की
  2. दरवाजे पर रंगोली बनाएं, यह मां लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक है
  3. घर के मुख्य द्वार को आम के पत्तों की बंदनवार से सजाएं
  4. पूरे घर में दीपक जलाने की व्यवस्था करें
  5. पूजा स्थल को फूलों से सजाएं

पूजा सामग्री की सूची:

मूर्ति और चित्र:

  • मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र
  • भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र
  • माता सरस्वती की मूर्ति (वैकल्पिक)

पूजा सामग्री:

  • लाल कपड़ा (मूर्ति के लिए)
  • चौकी या बाजोट
  • कलश (तांबे या पीतल का)
  • आम के पत्ते
  • नारियल (लाल कपड़े में बंधा)
  • रोली, हल्दी, कुमकुम
  • अक्षत (चावल)
  • पान के पत्ते और सुपारी
  • फूल और फूलों की माला
  • धूप, अगरबत्ती, कपूर
  • घी के दीपक (5, 11 या 21)
  • मिट्टी के दीए
  • गंगाजल
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)

नैवेद्य सामग्री:

  • खील, बताशे
  • मिठाई (खीर, हलवा या लड्डू)
  • मेवे (काजू, बादाम, किशमिश)
  • फल (केला, सेब, अनार)
  • पंचमेवा

धन संबंधी वस्तुएं:

  • नई बही खाता (व्यापारियों के लिए)
  • सिक्के या नोट
  • सोने या चांदी का सिक्का (यदि संभव हो)
  • तिजोरी या कैश बॉक्स

पूजा विधि (प्रदोष काल में)

चरण 1: स्नान और शुद्धिकरण

  • शुभ मुहूर्त से पहले स्नान कर लें
  • स्वच्छ और नए या धुले हुए वस्त्र पहनें
  • पुरुष धोती-कुर्ता या शुभ वस्त्र पहनें
  • महिलाएं साड़ी या सलवार-सूट पहन सकती हैं

चरण 2: पूजा स्थल की स्थापना

  1. पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाएं
  2. चौकी या बाजोट पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें
  3. कलश में जल भरकर आम के पत्ते लगाएं और नारियल रखें
  4. कलश को मूर्तियों के पास रखें

चरण 3: संकल्प

  • हाथ में अक्षत, फूल और जल लेकर निम्न संकल्प बोलें: “ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः। श्री दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने का संकल्प लेता/लेती हूं।”

चरण 4: गणेश पूजन

  1. सर्वप्रथम भगवान गणेश का पूजन करें (विघ्नहर्ता हैं)
  2. गणेश जी को रोली, अक्षत, फूल अर्पित करें
  3. गणेश मंत्र का जाप करें:
    • “ॐ गं गणपतये नमः” (108 बार)
  4. मोदक या लड्डू का भोग लगाएं

चरण 5: लक्ष्मी पूजन

  1. मां लक्ष्मी को रोली, कुमकुम, हल्दी से तिलक लगाएं
  2. अक्षत (चावल) अर्पित करें
  3. फूल और माला चढ़ाएं
  4. मां लक्ष्मी के 108 नाम या लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें
  5. मां लक्ष्मी के मंत्र का जाप करें:
    • “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद। श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।” (108 बार)

चरण 6: आरती और भोग

  1. घी के दीपक से आरती करें
  2. नैवेद्य (मिठाई, फल, खील-बताशे) अर्पित करें
  3. लक्ष्मी आरती गाएं: “ॐ जय लक्ष्मी माता…”
  4. कपूर की आरती करें

चरण 7: प्रसाद वितरण

  • परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद बांटें
  • पड़ोसियों और मित्रों को भी प्रसाद भेजें

बही खाता पूजन (व्यापारियों के लिए)

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में व्यापारी विशेष रूप से नए बही खाते का पूजन करते हैं:

  1. नई बही को लाल कपड़े में लपेटें
  2. उस पर स्वास्तिक और ‘श्री’ लिखें
  3. मां लक्ष्मी और गणेश जी के सामने रखें
  4. रोली, अक्षत, फूल चढ़ाएं
  5. बही पर हल्दी और कुमकुम का तिलक लगाएं
  6. इसमें “शुभ लाभ” लिखें
  7. पहला लेख-जोखा इसी दिन शुरू करें

विशेष मंत्र और स्तोत्र

महालक्ष्मी अष्टकम

शुभ मुहूर्त में इस स्तोत्र का पाठ अत्यंत फलदायी है:

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयङ्करि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥

कनकधारा स्तोत्रम्

आदि शंकराचार्य द्वारा रचित यह स्तोत्र अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है:

अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती
भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।

लक्ष्मी गायत्री मंत्र

ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे
विष्णुप्रियायै च धीमहि
तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्॥

इस मंत्र का 108 बार जाप करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

दिवाली के पांच दिनों का विवरण

दिवाली केवल एक दिन का त्योहार नहीं है, बल्कि यह पांच दिनों तक मनाया जाता है:

दिन 1: धनतेरस (18 अक्टूबर 2025)

  • इस दिन नई वस्तुएं, बर्तन, आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है
  • भगवान धन्वंतरि और यमराज की पूजा की जाती है
  • धन प्राप्ति के लिए विशेष पूजा होती है

दिन 2: नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली (19 अक्टूबर 2025)

  • भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था
  • प्रातः काल तेल से स्नान करने की परंपरा है
  • घर में 14 दीपक जलाए जाते हैं

दिन 3: दिवाली / लक्ष्मी पूजा (20 अक्टूबर 2025)

  • मुख्य दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025
  • मां लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष पूजा
  • घर में दीपक जलाकर रोशनी की जाती है

दिन 4: गोवर्धन पूजा / अन्नकूट (21 अक्टूबर 2025)

  • भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया था
  • गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की जाती है
  • 56 भोग (छप्पन भोग) का आयोजन किया जाता है

दिन 5: भाई दूज (22 अक्टूबर 2025)

  • भाई-बहन के प्रेम का पर्व
  • बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं
  • यमुना और यमराज से जुड़ी पौराणिक कथा है

दिवाली पूजा में ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें

क्या करें:

  1. समय की पाबंदी: शुभ मुहूर्त में ही पूजा शुरू करें
  2. स्वच्छता: घर और पूजा स्थल की पूर्ण स्वच्छता रखें
  3. शुद्ध मन: शुद्ध मन और श्रद्धा से पूजा करें
  4. दान-पुण्य: जरूरतमंदों को दान अवश्य दें
  5. पारिवारिक एकता: पूरे परिवार के साथ मिलकर पूजा करें
  6. दीपक जलाना: घर के हर कोने में दीपक अवश्य जलाएं
  7. सकारात्मकता: पूजा के समय सकारात्मक विचार रखें
  8. नए कपड़े: नए या स्वच्छ कपड़े पहनें

क्या न करें:

  1. मुहूर्त का उल्लंघन: शुभ मुहूर्त से पहले या बाद में पूजा न करें
  2. गंदगी: घर में कहीं भी गंदगी न रहने दें
  3. नकारात्मकता: किसी से झगड़ा या नकारात्मक बातें न करें
  4. मांसाहार: इस दिन मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें
  5. काले रंग के कपड़े: काले रंग के कपड़े पहनने से बचें
  6. लोहे की वस्तुएं: पूजा में लोहे की वस्तुओं का उपयोग न करें
  7. तामसिक भोजन: प्याज, लहसुन आदि तामसिक भोजन से परहेज करें
  8. पूर्व दिशा: पूजा के समय पैर पूर्व दिशा में न रखें

विभिन्न शहरों के अनुसार शुभ मुहूर्त

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 विभिन्न शहरों में सूर्यास्त के समय के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है:

मुंबई

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 6:00 से 7:50 बजे

दिल्ली

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 6:20 से 8:10 बजे

कोलकाता

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 5:30 से 7:20 बजे

बेंगलुरु

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 6:15 से 8:00 बजे

चेन्नई

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 6:00 से 7:45 बजे

हैदराबाद

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 6:10 से 8:00 बजे

अहमदाबाद

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 6:25 से 8:15 बजे

पुणे

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 6:05 से 7:55 बजे

नोट: ये समय अनुमानित हैं। अपने स्थानीय पंचांग से सटीक समय की जानकारी अवश्य लें।

दिवाली पर विशेष ज्योतिषीय उपाय

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में निम्नलिखित उपाय करने से विशेष लाभ मिलता है:

धन प्राप्ति के लिए:

  1. गुड़ और चने का प्रयोग: पूजा के बाद गुड़ और चने का दान करें
  2. कमल का फूल: मां लक्ष्मी को कमल के फूल अवश्य चढ़ाएं
  3. चांदी का सिक्का: तिजोरी में चांदी का सिक्का रखें
  4. गोमती चक्र: 11 गोमती चक्र पूजा स्थान पर रखें
  5. सुगंधित तेल: घी के दीपक में केसर या चंदन की खुशबू मिलाएं

व्यापार वृद्धि के लिए:

  1. पीला रंग: व्यापारिक बही में पीले रंग का उपयोग करें
  2. हल्दी का तिलक: बही पर हल्दी का तिलक लगाएं
  3. पान-सुपारी: तिजोरी में पान-सुपारी रखें
  4. नवग्रह शांति: नवग्रह मंत्र का जाप करें
  5. शुभ लाभ: बही में “शुभ लाभ” लिखें

वास्तु दोष निवारण:

  1. उत्तर-पूर्व कोण: इस दिशा में अवश्य दीपक जलाएं
  2. मुख्य द्वार: मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं
  3. रंगोली: प्रवेश द्वार पर रंगोली अवश्य बनाएं
  4. नमक का उपाय: घर के कोनों में नमक रखें (वास्तु शुद्धि के लिए)
  5. जल कलश: उत्तर दिशा में जल से भरा कलश रखें

दिवाली पूजा के बाद की परंपराएं

दीपदान:

पूजा के बाद निम्न स्थानों पर दीपक अवश्य जलाएं:

  1. तुलसी के पौधे के पास: यह विशेष शुभ माना जाता है
  2. पीपल के पेड़ के नीचे: यदि घर में या आसपास हो
  3. घर के मुख्य द्वार पर: स्वागत का प्रतीक
  4. छत पर: आकाश की ओर
  5. मंदिर में: यदि संभव हो

पटाखे और दिवाली की रात:

  • पटाखे फोड़ने का उचित समय: शाम 7 से रात 9 बजे तक
  • पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कम से कम पटाखे फोड़ें
  • हरी पटाखों (green crackers) का उपयोग करें
  • शोर रहित पटाखों को प्राथमिकता दें
  • बुजुर्गों, बच्चों और पालतू जानवरों का ध्यान रखें

पारिवारिक समारोह:

  1. परिवार के साथ मिलकर खाना खाएं
  2. रिश्तेदारों और मित्रों को बधाई संदेश भेजें
  3. गिफ्ट्स का आदान-प्रदान करें
  4. घर में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित करें
  5. पारंपरिक खेल खेलें

दिवाली पर विशेष व्यंजन और भोग

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में निम्न व्यंजन बनाना शुभ माना जाता है:

मिठाइयां:

  1. खीर: चावल या सेवईं की खीर
  2. हलवा: आटे, सूजी या गाजर का हलवा
  3. लड्डू: बूंदी, बेसन या मोतीचूर के लड्डू
  4. बर्फी: दूध, खोया या नारियल की बर्फी
  5. गुझिया: मावा भरी गुझिया

नमकीन:

  1. चकली और शंकरपारे
  2. नमकीन सेव
  3. मठरी
  4. खाखरा
  5. चिवड़ा

विशेष भोजन:

  1. पूरी और हलवा
  2. छोले और भटूरे
  3. पनीर की सब्जी
  4. पुलाव या बिरयानी
  5. दाल बाटी चूरमा (राजस्थान में)

आधुनिक समय में दिवाली: पर्यावरण और सुरक्षा

पर्यावरण के अनुकूल दिवाली:

  1. मिट्टी के दीये: प्लास्टिक की सजावट की बजाय मिट्टी के दीये उपयोग करें
  2. LED लाइट्स: बिजली बचाने के लिए LED लाइट्स का उपयोग करें
  3. कम पटाखे: शोर और प्रदूषण को कम करने के लिए सीमित पटाखे फोड़ें
  4. प्राकृतिक रंगोली: रासायनिक रंगों की जगह फूलों और प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें
  5. पौधारोपण: इस अवसर पर पौधे लगाकर प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें

सुरक्षा सावधानियां:

  1. पटाखों की सुरक्षा:
    • बच्चों को पटाखे फोड़ते समय वयस्कों की देखरेख में रहना चाहिए
    • सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़ों से बचें
    • पानी से भरी बाल्टी पास में रखें
    • जले हुए पटाखों को पानी में डुबोकर फेंकें
  2. दीपक जलाते समय:
    • दीपक को पर्दों और ज्वलनशील वस्तुओं से दूर रखें
    • हवा के झोंकों से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर रखें
    • बच्चों और पालतू जानवरों को दीपकों से दूर रखें
    • सोने से पहले सभी दीपकों को बुझा दें
  3. बिजली की सजावट:
    • ISI मार्क वाली लाइट्स का उपयोग करें
    • ओवरलोड से बचने के लिए सीमित लाइट्स लगाएं
    • घर से बाहर जाते समय लाइट्स बंद कर दें
    • टूटे हुए बल्ब तुरंत बदलें

विभिन्न राज्यों में दिवाली की परंपराएं

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है:

उत्तर प्रदेश और दिल्ली:

  • भगवान राम की अयोध्या वापसी का उत्सव
  • रामलीला और रावण दहन
  • घरों में रंगोली और दीपक
  • गंगा घाट पर विशेष आरती

महाराष्ट्र:

  • पडवा (गोवर्धन पूजा) का विशेष महत्व
  • तेल स्नान की परंपरा
  • फराली (व्रत) का भोजन
  • लक्ष्मी पूजन के बाद देर रात तक जागरण

गुजरात:

  • नए साल (गुजराती नववर्ष) की शुरुआत
  • व्यापारी नई बही खाता शुरू करते हैं
  • गरबा और रास उत्सव
  • चोपड़ा पूजन (व्यापारियों के लिए विशेष)

बंगाल:

  • मां काली की पूजा (काली पूजा)
  • विशेष तंत्र-मंत्र की साधना
  • मिठाइयों की विविधता
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम

दक्षिण भारत (तमिलनाडु, कर्नाटक):

  • दीपावली के दिन प्रातःकाल तेल स्नान
  • नरकासुर वध का उत्सव
  • पारंपरिक व्यंजन: मुरुक्कु, चक्कली
  • मंदिरों में विशेष आरती

पंजाब:

  • बंदी छोड़ दिवस (गुरु हरगोबिंद जी की रिहाई)
  • स्वर्ण मंदिर में विशेष प्रकाश
  • लंगर और सामूहिक भोज
  • कीर्तन और शबद

राजस्थान:

  • व्यापारियों के लिए विशेष दिन
  • पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन
  • घरों की विशेष सजावट
  • ऊंट और घोड़ों की सजावट

ऑनलाइन पूजा और डिजिटल युग में दिवाली

आधुनिक समय में कई लोग दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में डिजिटल माध्यमों का भी उपयोग कर रहे हैं:

ऑनलाइन पूजा सेवाएं:

  • वीडियो कॉल के माध्यम से पंडित जी से पूजा करवाना
  • ऑनलाइन पूजा ऐप्स का उपयोग
  • लाइव स्ट्रीमिंग पूजा में भाग लेना
  • ई-पूजा बुकिंग प्लेटफॉर्म

डिजिटल शुभकामनाएं:

  • ई-ग्रीटिंग कार्ड्स
  • सोशल मीडिया पोस्ट्स
  • व्हाट्सएप संदेश और स्टेटस
  • वीडियो कॉल से परिवार से जुड़ना

ऑनलाइन शॉपिंग:

  • पूजा सामग्री ऑनलाइन खरीदना
  • उपहार और मिठाइयां ऑर्डर करना
  • डिजिटल गिफ्ट कार्ड्स
  • ऑनलाइन पूजा थाली

सावधानी: डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते समय भी पारंपरिक मूल्यों और श्रद्धा को बनाए रखें।

दिवाली से जुड़ी पौराणिक कथाएं

रामायण से जुड़ी कथा:

त्रेता युग में भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध किया और 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घी के दीपक जलाए और पूरी नगरी को सजाया। यही परंपरा आज तक चली आ रही है।

समुद्र मंथन की कथा:

देवताओं और असुरों द्वारा समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुईं। उन्होंने भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में चुना। तभी से इस दिन को लक्ष्मी पूजन के रूप में मनाया जाता है।

नरकासुर वध की कथा:

भगवान कृष्ण ने द्वापर युग में अत्याचारी राक्षस नरकासुर का वध किया था। इस विजय की खुशी में दिवाली मनाई जाती है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

महावीर निर्वाण:

जैन धर्म में इस दिन भगवान महावीर को निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। जैन समुदाय इसे विशेष रूप से मनाता है।

दिवाली पर दान और परोपकार

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में दान का विशेष महत्व है:

दान की वस्तुएं:

  1. अन्नदान: गरीबों को भोजन और अनाज दान करें
  2. वस्त्रदान: जरूरतमंदों को कपड़े दें
  3. धन दान: अपनी क्षमता अनुसार धन दान करें
  4. शिक्षा दान: गरीब बच्चों की शिक्षा में सहयोग करें
  5. दीपदान: मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर दीपक दान करें

दान के लाभ:

  1. मां लक्ष्मी की विशेष कृपा
  2. पुण्य की प्राप्ति
  3. सामाजिक समरसता
  4. आत्मिक शांति
  5. ग्रह दोषों का निवारण

कहां और कैसे करें दान:

  • अनाथालयों में
  • वृद्धाश्रमों में
  • गौशालाओं में
  • धार्मिक संस्थानों में
  • जरूरतमंद परिवारों को सीधे

दिवाली के बाद की सफाई और व्यवस्था

पूजा के बाद निम्न कार्य करना शुभ माना जाता है:

अगले दिन (21 अक्टूबर):

  1. प्रसाद वितरण: बचे हुए प्रसाद को परिवार और पड़ोसियों में बांटें
  2. फूलों का विसर्जन: पूजा के फूलों को पवित्र नदी या पौधों में डालें
  3. दीपकों की सफाई: मिट्टी के दीयों को साफ करें और सुरक्षित रखें
  4. पूजा स्थल: पूजा स्थल को साफ रखें
  5. गोवर्धन पूजा की तैयारी: अगले दिन की पूजा की तैयारी करें

सामान्य सफाई:

  1. पटाखों के अवशेष साफ करें
  2. रंगोली को पवित्र तरीके से हटाएं
  3. घर की सामान्य सफाई करें
  4. बिजली की सजावट को सुरक्षित रखें
  5. अगले वर्ष के लिए पूजा सामग्री संभालकर रखें

स्वास्थ्य सुझाव: दिवाली में फिट रहें

त्योहार के दौरान स्वस्थ रहने के लिए:

आहार संबंधी सुझाव:

  1. संतुलित भोजन: मिठाई के साथ फल और सब्जियां भी खाएं
  2. पानी पीते रहें: खूब पानी पिएं
  3. मीठे की मात्रा: मिठाई सीमित मात्रा में खाएं
  4. तली चीजों से सावधानी: अधिक तला-भुना खाने से बचें
  5. हल्का भोजन: रात को हल्का भोजन करें

व्यायाम:

  1. सुबह की सैर जारी रखें
  2. योग और प्राणायाम करें
  3. घर के कामों में सक्रिय रहें
  4. बच्चों के साथ खेलें
  5. डांस और गार्बा में भाग लें

मानसिक स्वास्थ्य:

  1. तनाव से बचें
  2. परिवार के साथ समय बिताएं
  3. ध्यान (meditation) करें
  4. सकारात्मक रहें
  5. पर्याप्त नींद लें

व्यापारियों के लिए विशेष सुझाव

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में व्यापारियों के लिए विशेष दिशा-निर्देश:

नया व्यापार शुरू करना:

  1. मुहूर्त: शुभ मुहूर्त में ही नया व्यापार शुरू करें
  2. पंचांग परामर्श: किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लें
  3. गणेश पूजन: विघ्नहर्ता गणेश की विशेष पूजा करें
  4. बही खाता: नई बही में शुभ लेख लिखें
  5. कर्मचारी कल्याण: कर्मचारियों को बोनस और उपहार दें

मौजूदा व्यापार के लिए:

  1. पुरानी बहियां बंद करें: पुराने खाते बंद करें
  2. लेखा-जोखा: पूरे साल का लेखा-जोखा करें
  3. लक्ष्मी पूजन: तिजोरी और दुकान में विशेष पूजा करें
  4. नए लक्ष्य: आगामी वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित करें
  5. धन्यवाद: ग्राहकों को धन्यवाद संदेश भेजें

डिजिटल व्यापार:

  1. ऑनलाइन पूजा: ऑफिस या दुकान में ऑनलाइन लाइव पूजा
  2. ई-कॉमर्स: ऑनलाइन स्टोर की भी पूजा करें
  3. सोशल मीडिया: ग्राहकों को सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं
  4. डिजिटल मार्केटिंग: दिवाली ऑफर्स की घोषणा करें
  5. वेबसाइट अपडेट: वेबसाइट को दिवाली थीम से सजाएं

बच्चों को दिवाली सिखाना

अपने बच्चों को दिवाली का महत्व इस प्रकार समझाएं:

शिक्षाप्रद गतिविधियां:

  1. कहानी सुनाना: दिवाली से जुड़ी पौराणिक कथाएं सुनाएं
  2. रंगोली बनाना: बच्चों के साथ मिलकर रंगोली बनाएं
  3. दीपक सजाना: मिट्टी के दीयों को सजाने में शामिल करें
  4. मिठाई बनाना: किचन में मदद करने दें
  5. कार्ड बनाना: हाथ से बने greeting cards बनाएं

मूल्यों की शिक्षा:

  1. साझा करना: प्रसाद बांटने का महत्व बताएं
  2. दान करना: गरीबों की मदद करना सिखाएं
  3. पर्यावरण संरक्षण: प्रदूषण के बारे में जागरूक करें
  4. परिवार का महत्व: पारिवारिक मूल्यों को समझाएं
  5. श्रद्धा और विश्वास: धार्मिक मूल्यों को सिखाएं

FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में कितने बजे पूजा करनी चाहिए?

उत्तर: दिवाली 2025 में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को शाम 6:15 बजे से रात 8:05 बजे तक है। यह प्रदोष काल है जो सबसे शुभ माना जाता है।

प्रश्न 2: क्या दिवाली पूजा सुबह कर सकते हैं?

उत्तर: नहीं, दिवाली की लक्ष्मी पूजा केवल शाम के समय प्रदोष काल या रात्रि के निशिता काल में ही करनी चाहिए। सुबह की पूजा शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं मानी जाती।

प्रश्न 3: पूजा में कौन सी मूर्ति रखनी चाहिए?

उत्तर: दिवाली पूजा में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति अवश्य रखनी चाहिए। इसके अलावा माता सरस्वती की मूर्ति भी रख सकते हैं।

प्रश्न 4: क्या अमावस्या पर पूजा शुभ होती है?

उत्तर: हां, दिवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है और यह दिन लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ माना जाता है। यह विशेष अमावस्या है।

प्रश्न 5: दिवाली पर किस दिशा में पूजा करनी चाहिए?

उत्तर: पूजा करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है। मूर्तियां भी उत्तर या पूर्व दिशा में रखनी चाहिए।

प्रश्न 6: दिवाली पर कितने दीपक जलाने चाहिए?

उत्तर: दिवाली पर 11, 21, 51 या 108 दीपक जलाना शुभ माना जाता है। घर के हर कोने में दीपक अवश्य जलाना चाहिए।

प्रश्न 7: क्या दिवाली पर नया सामान खरीदना शुभ है?

उत्तर: दिवाली पर विशेषकर धनतेरस के दिन नया सामान खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेषकर बर्तन, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक्स।

प्रश्न 8: दिवाली की पूजा में क्या नहीं करना चाहिए?

उत्तर: दिवाली पर मांसाहार, मदिरा, झगड़ा, नकारात्मक बातें और काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।

निष्कर्ष: दिवाली 2025 के लिए अंतिम सुझाव

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2025 में सही समय पर पूजा करना और सभी विधि-विधानों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह त्योहार केवल रोशनी और पटाखों का नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता, परिवार, प्रेम और मूल्यों का पर्व है।

मुख्य बातें याद रखें:

  1. समय की पाबंदी: शुभ मुहूर्त (शाम 6:15 से 8:05) में पूजा अवश्य करें
  2. पूर्ण विधि: सभी विधि-विधानों का पालन करें
  3. श्रद्धा और विश्वास: सच्चे मन से पूजा करें
  4. परिवार के साथ: पूरे परिवार के साथ मिलकर पूजा करें
  5. पर्यावरण का ध्यान: प्रदूषण कम करने का प्रयास करें
  6. दान-पुण्य: जरूरतमंदों की सहायता करें
  7. सुरक्षा: सभी सुरक्षा नियमों का पालन करें
  8. सकारात्मकता: सकारात्मक विचार और ऊर्जा बनाए रखें

इस दिवाली, अपने घर में मां लक्ष्मी का स्वागत करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। सभी पाठकों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!

शुभ दीपावली 2025!


अतिरिक्त जानकारी और संसाधन

पंचांग ऐप्स और वेबसाइट्स:

  • Drik Panchang
  • Vedic Calendar
  • Hindu Calendar
  • Panchangam App

ऑनलाइन पूजा सेवाएं:

  • Temple Connect
  • e-Puja
  • Online Temple
  • Divine Puja

दिवाली की विस्तृत जानकारी के लिए:

  • स्थानीय पंडित से परामर्श लें
  • प्रामाणिक धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें
  • अपने परिवार की परंपराओं का पालन करें
  • ज्योतिष विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लें

नोट: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। विशिष्ट ज्योतिषीय सलाह के लिए किसी योग्य ज्योतिषी या पंडित से अवश्य परामर्श करें।


लेखक का संदेश: यह लेख प्राचीन धार्मिक ग्रंथों, पंचांग और ज्योतिष शास्त्र के आधार पर तैयार किया गया है। दिवाली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि जीवन में प्रकाश और सकारात्मकता लाने का माध्यम है। इस दिवाली, अपने अंदर और बाहर दोनों जगह दीपक जलाएं।

मां लक्ष्मी की कृपा आप सब पर सदैव बनी रहे!

जय मां लक्ष्मी! जय श्री गणेश!

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